“सुषमा के स्नेहिल सृजन”…✍ विधा – मनहरण घनाक्षरी शैलपुत्री माँ
शुभ-शुभ शुभंकरी, प्रतिपदा नवरात्रि,
पहन के आई मैया,
पीत परिधान है।
प्रथम माँ शैलपुत्री, कमल त्रिशूल धारी,
शुभ तिथि शुक्ल पक्ष,
पूजन विधान है।
नव रूप दर्श कर, आँचल आशीष भर,
दमकती छवि तेरी,
मृदुल मुस्कान है।
सनातन हिंदू धर्म, नम्र भाव दिव्य मर्म,
‘सुषमा’ सुखद पल,
देती वरदान है।
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*…✍”सुषमा प्रेम पटेल”(रायपुर छ.ग.)