सूडान संकट: सुरक्षा स्थिति पर भारत की चिंताएं और यूएई के राजदूत के आवास पर हमले का मामला
नई दिल्ली: सूडान में चल रहे संकट के बीच भारत की विदेश मंत्रालय ने स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सूडान में सुरक्षा स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। इस बीच, खार्तूम में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राजदूत के आवास पर हुए हमले ने तनाव को और बढ़ा दिया है। भारत ने इस घटना पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि किसी भी संघर्ष के दौरान राजनयिक परिसरों की अखंडता का सम्मान करना अत्यंत आवश्यक है।
हाल ही में, यूएई ने रिपोर्ट किया कि खार्तूम में उसके राजदूत के आवास पर सूडानी सैन्य विमान द्वारा हमले की गई थी। इस हमले को यूएई ने जघन्य करार दिया और इसकी कड़ी निंदा की। यूएई ने इस हमले को एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन बताया है, जबकि सूडान की सैन्य सरकार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए प्रतिद्वंद्वी अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) को जिम्मेदार ठहराया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल प्रभावित देश की सुरक्षा को कमजोर करती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय बन जाती हैं। भारत का मानना है कि राजनयिक परिसरों की सुरक्षा अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानदंडों का पालन करने का अनिवार्य हिस्सा है।
इस संकट के दौरान, भारत ने क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने और सभी देशों के राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है। भारत की नजर सूडान के सुरक्षा हालात पर है, और मंत्रालय ने सभी पक्षों से संयम बरतने और संवाद के माध्यम से स्थिति का समाधान खोजने का आह्वान किया है।
भारत का यह भी मानना है कि ऐसे समय में जब वैश्विक राजनीति में अनिश्चितता है, सभी देशों को मिलकर इस तरह के हमलों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए और राजनयिक मानकों का पालन करना चाहिए। यूएई के राजदूत के आवास पर हुए हमले ने यह साबित कर दिया है कि संघर्ष के दौरान राजनयिक सुरक्षा का महत्व कितना अधिक है। ऐसे में भारत इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने के लिए तत्पर है ताकि सुरक्षा के मानकों को स्थापित किया जा सके और राजनयिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके।