आरजी कर मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों की हड़ताल: सुरक्षा की चिंता से प्रभावित हो रही स्वास्थ्य सेवाएं
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कनिष्ठ चिकित्सकों ने एक बार फिर से सुरक्षा की मांग को लेकर काम बंद करने का निर्णय लिया है, जिससे राज्य की चिकित्सा सेवाएं गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हैं। यह हड़ताल आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की दर्दनाक घटना के बाद शुरू हुई थी, जो कि 21 सितंबर को समाप्त हो गई थी। हालाँकि, हड़ताल के समाप्त होने के बाद भी ओपीडी (आउट पेशेंट डिपार्टमेंट) सेवाएं पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाईं हैं, और केवल आपातकालीन सेवाएं ही चल रही हैं।
जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि वे अपनी सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता महसूस कर रहे हैं, और उन्हें लगता है कि उनकी जान को गंभीर खतरा है। वे राज्य सरकार से उचित सुरक्षा प्रबंधों की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। चिकित्सकों की यह हड़ताल न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर रही है, बल्कि मरीजों के लिए भी समस्याएँ बढ़ा रही हैं, जो आवश्यक चिकित्सा सहायता की कमी का सामना कर रहे हैं।
इस संकट के बीच, ममता बनर्जी की सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयास तेज कर रही है, लेकिन डॉक्टरों की चिंताएँ और उनके बीच का गुस्सा कम होता हुआ नहीं दिख रहा है। यदि हालात में सुधार नहीं होता है, तो मरीजों को और अधिक चिकित्सा देखभाल में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। चिकित्सकों का यह आंदोलन पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति एक गंभीर चेतावनी है, जिसे तुरंत हल करने की आवश्यकता है।
राज्य सरकार को चाहिए कि वह डॉक्टरों के सुरक्षा के मुद्दे को प्राथमिकता दे और प्रभावी कदम उठाए, ताकि स्वास्थ्य सेवा में सुधार हो सके और चिकित्सकों और मरीजों के बीच विश्वास बहाल हो सके। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, सभी संबंधित पक्षों को मिलकर एक स्थायी समाधान की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।