उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने शुरू किया नशामुक्ति अभियान: समाज में जागरूकता फैलाने का लिया संकल्प

रायपुर:  उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में वृंदावन हॉल में एक महत्वपूर्ण नशामुक्ति अभियान का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में शदाणी दरबार के संत डॉ. युधिष्ठिर लाल जी महाराज मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। यह अभियान रायपुर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य के युवाओं को नशे की लत से मुक्त कराना और समाज को एक स्वस्थ दिशा में आगे बढ़ाना है।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण भी सुना। 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए आयुष्मान कार्ड का वितरण भी किया गया, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ और सुलभ हो सके। इस अभियान के तहत स्वयंसेवी संस्थाएँ जैसे बढ़ते कदम, ग्रीन आर्मी, छत्तीसगढ़ सिंधी पंचायत और भारतीय सिंधु सभा सक्रिय रूप से कार्यरत हैं, जो नशामुक्ति के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए समर्पित हैं।

उप मुख्यमंत्री श्री साव एवं अन्य अतिथियों ने वृंदावन हॉल में सुना ‘मन की बात’

उप मुख्यमंत्री साव ने अपने संबोधन में नशे की लत को समाज के लिए एक बड़ा संकट बताते हुए कहा कि यह न केवल व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि परिवारों को भी बर्बाद करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नशामुक्ति का प्रयास केवल सरकार का काम नहीं है, बल्कि समाज की भी महत्वपूर्ण भूमिका होनी चाहिए। बच्चों के सामने नशे का सेवन रोकना आवश्यक है, ताकि भविष्य की पीढ़ी सुरक्षित रह सके।

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संत डॉ. युधिष्ठिर लाल जी महाराज ने नशे को ‘शरीर को घुन की तरह खाने वाला’ बताते हुए स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए नशामुक्ति की आवश्यकता पर जोर दिया। विधायक पुरंदर मिश्रा ने नशामुक्ति को एक कठिन कार्य बताते हुए कहा कि इसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव एवं अन्य अतिथियों ने वृंदावन हॉल में सुना ‘मन की बात’

अभियान के संयोजक श्री अमित चिमनानी ने नशामुक्ति अभियान को नशे और कैंसर के खिलाफ एक महत्वपूर्ण लड़ाई बताते हुए लोगों से इसमें सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया। इस दौरान, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नशे के दुष्प्रभावों और उससे संबंधित गंभीर रोगों के बारे में जानकारी दी, जिससे लोगों को नशे की आदत के खतरों के प्रति जागरूक किया जा सके।

इस नशामुक्ति अभियान के शुभारंभ से न केवल छत्तीसगढ़ में युवाओं को नशे की लत से मुक्त कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, बल्कि यह समाज को एक सकारात्मक संदेश भी दे रहा है कि सामूहिक प्रयासों से किसी भी समस्या का समाधान संभव है।