लोकायुक्त की कार्रवाई: फंड रिलीज के बदले 30 हजार की रिश्वत मांगने वाला बाबू रंगे हाथों गिरफ्तार
छिंदवाड़ा : छिंदवाड़ा में लोकायुक्त की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए भ्रष्टाचार के आरोप में एक सरकारी क्लर्क को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह घटना मध्य प्रदेश के तामिया स्थित बीईओ कार्यालय की है, जहां सहायक ग्रेड-3 पद पर कार्यरत सतीश तिवारी को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। आरोपी ने फंड रिलीज कराने के एवज में एक शिक्षक से 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। शिकायत मिलने के बाद जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने जांच करते हुए आरोपी को पहली किश्त के 10 हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।
शिक्षक काली राम भारती, जो बम्हनी का निवासी है, उसे अपने जीएफ (जीवित फंड) की राशि 8.85 लाख रुपये निकालने के लिए सतीश तिवारी ने 30 हजार रुपए की घूस मांगी थी। शिक्षक ने इस घूस मांगने की शिकायत लोकायुक्त में की, जिसके बाद योजना बनाकर सतीश तिवारी को घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झरबड़े के अनुसार, आरोपी और शिक्षक के बीच 28 हजार रुपए की घूस पर सहमति बनी थी, जिसमें पहली किश्त के रूप में 10 हजार रुपए देने की योजना बनाई गई थी। जैसे ही आरोपी ने शिक्षक से घूस की रकम ली, लोकायुक्त की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। टीम में निरीक्षक कमल सिंह उईके, नरेश बेहरा और अन्य चार सदस्य शामिल थे। रिश्वत में लिए गए नोटों की जांच के दौरान आरोपी के हाथों को धोने पर गुलाबी रंग निकल आया, जिससे साफ हो गया कि उसने घूस ली थी। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
यह घटना भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम का एक और उदाहरण है, जहां सरकारी अधिकारियों द्वारा जनता से अवैध रूप से धन वसूलने के मामले उजागर हो रहे हैं।
