दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: ईदगाह पार्क की जमीन DDA की संपत्ति, रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगेगी

दिल्ली हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह पार्क के 13,000 वर्ग मीटर जमीन को दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की संपत्ति घोषित कर दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यहां रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस फैसले के बाद दिल्ली पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है।

कोर्ट का फैसला और विरोध

शाही ईदगाह पार्क में रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगाने का विरोध वक्फ बोर्ड कर रहा था। उन्होंने इस जमीन को वक्फ संपत्ति होने का दावा किया था, लेकिन हाई कोर्ट ने वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि शाही ईदगाह (वक्फ) प्रबंध समिति के पास प्रतिमा स्थापना का विरोध करने का कोई कानूनी आधार नहीं है।

फेक मैसेज से तनाव

गुरुवार शाम सोशल मीडिया पर एक फेक मैसेज फैलाया गया, जिसमें ईदगाह की जमीन पर कब्जे की गलत जानकारी दी गई थी। इसके बाद लगभग 100 महिलाओं की भीड़ वहां पहुंच गई और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्वक हटा दिया।

पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था

चूंकि आज जुमे की नमाज है, इसलिए पुलिस ने अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए हैं। अर्धसैनिक बलों के साथ भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने पार्क की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया है और हर गतिविधि पर सीसीटीवी के जरिए निगरानी रखी जा रही है।

कोर्ट की टिप्पणी

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा स्थापित करने पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस आधार नहीं है। कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के दावे को खारिज करते हुए कहा कि प्रतिमा स्थापित करना पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया के तहत हो रहा है और इससे किसी के धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हो रहा है।

यह फैसला दिल्ली के झंडेवालान मंदिर के पास स्थित ईदगाह पार्क में विवाद को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।