धर्मांतरण केस: मौलाना उमर समेत 16 दोषियों को सुनाया जायेगा ATS कोर्ट का फैसला
लखनऊ: धर्मांतरण के बड़े मामले में विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी बुधवार को मौलाना उमर गौतम और मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत 16 आरोपियों को सजा सुनाएंगे। इन आरोपियों पर गरीब, असहाय और गैर-मुस्लिमों को नौकरी और धन का लालच देकर धर्मांतरण कराने का आरोप है। इस मामले में एक अन्य आरोपी, मोहम्मद इदरीस कुरैशी, को हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ है, इसलिए उसकी सुनवाई फिलहाल टाल दी गई है।
एटीएस द्वारा संचालित धर्मांतरण गिरोह
एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) ने कोर्ट को बताया कि इन आरोपियों द्वारा एक संगठित आपराधिक षड़यंत्र के तहत देशभर में अवैध धर्मांतरण का एक गिरोह संचालित किया जा रहा था। खासतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर और मूक-बधिर लोगों को बहला-फुसलाकर, धमकी देकर, और दबाव बनाकर धर्मांतरण कराया जा रहा था। धर्मांतरित व्यक्ति के जरिये उनके समुदाय के अन्य लोगों का भी धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। गिरोह ने यह सुनिश्चित करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी किया ताकि धर्मांतरित व्यक्ति वापस अपने मूल धर्म में न लौटें और उन्हें देशविरोधी गतिविधियों में शामिल किया जा सके।
मौलाना उमर गौतम: गिरोह का मास्टरमाइंड
एटीएस के अनुसार, मौलाना उमर गौतम इस गिरोह का मुख्य सरगना था। वह अपने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर धर्मांतरण के लिए एक सिंडिकेट चला रहा था। उमर गौतम ने दिल्ली के जामिया नगर स्थित बाटला हाउस में “इस्लामिक दावा सेंटर” की स्थापना की थी। एटीएस ने जून 2021 में उमर गौतम को नोएडा से गिरफ्तार किया था। इस सिण्डिकेट में उसके बेटे का भी अहम रोल बताया गया है।
हवाला के जरिए विदेशी फंडिंग
आरोपियों ने हवाला के जरिए विदेशों में बैठे सहयोगियों से धन प्राप्त किया। इस्लामिक दावा सेंटर और डेफ सोसायटी के माध्यम से पूरे देश में धर्मांतरण का जाल फैलाया गया। जांच के दौरान आरोपियों के पास से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले, जिनमें पासपोर्ट, मुहरें, साहित्य, नाम बदलने वाले पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की सूची, मोबाइल फोन, पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड और कंवर्जन रजिस्टर शामिल थे।
चार्जशीट और कानूनी कार्रवाई
एटीएस ने इस मामले में 20 जून 2021 को 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। आरोपियों में मौलाना उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी, और अन्य शामिल हैं, जिन पर धर्मांतरण के संगठित गिरोह का हिस्सा होने का आरोप है।
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