विशेष परियोजना ‘‘उत्थान’’ अंतर्गत प्रशिक्षको का प्रशिक्षण, उत्थान परियोजना अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजातियों का आर्थिक व सामाजिक संवर्धन किया जायेगा

गरियाबंद :- छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा उत्थान परियोजना अंतर्गत राज्य स्तरीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 से 16 जुलाई, 2021 तक आयोजित किया गया।

जिला पंचायत के सभाकक्ष में प्रशिक्षण का समापन कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर की उपस्थिति में संपन्न हुआ। समापन कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, नई दिल्ली से मुख्य प्रशिक्षक के रूप में डॉ. सीमा भास्करण, राष्ट्रीय मिशन प्रबंधक, एसआरएलएम के एलिस मनीषा लकड़ाए रीका शालिमा खाखा एवं जगजीत मिंज-प्रोग्राम एक्सीक्यूटीव उपस्थित थे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के 14 जिलो से सम्मिलित प्रतिभागी जिसमें यंग प्रोफेशनल, क्षेत्रीय समन्वयक एवं विकासखण्ड गरियाबंद एवं मैनपुर के कुल 11 आंतरिक सक्रिय महिला को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उत्थान परियोजना का मूल उद्देश्य विशेष पिछड़ी जनजातियों का आर्थिक व सामाजिक रूप से संवर्धन किया जाना है।

समापन कार्यक्रम में कलेक्टर क्षीरसागर ने कहा कि जिलें में उत्थान परियोजना जिन ग्राम पंचायतों में लागू किया जा रहा है, उन ग्राम पंचायतों में जल मिशन कार्यक्रम को प्राथमिकता के साथ लागू किया जायेगा। बिहान का प्रमुख उद्देश्य आजीविका है जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से समृद्ध किया जा सकता है और सामाजिक रूप से पिछड़ी जनजातियों को समृद्ध किये जाने हेतु उत्थान परियोजना की शुरूआत बिहान के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने जिलें में संचालित बिहान की गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए उत्थान परियोजना के क्रियान्वयन व उत्कृष्ट कार्य करने हेतु मार्गदर्शन दिया।

उन्होंने आगे बताया कि राजीव गांधी न्याय योजना अंतर्गत पारंपरिक कृषि के अतिरिक्त यदि कोदो, कुटकी, रागी की खेती करने पर 10 हजार की अनुदान राशि प्रति एकड़ दिये जाने का प्रावधान है, साथ ही विशेष पिछड़ी जनजाति  परिवार के 12 वीं पास बच्चों को अतिथि शिक्षक के रूप में भर्ती करने में पूर्ण प्राथमिकता दी जावेगी।

तीन दिवसीय प्रशिक्षण में मुख्य प्रशिक्षक डॉ. सीमा भास्करण, राष्ट्रीय मिशन प्रबंधक ने प्रथम दिवस में  खाद्य एवं पोषण- उपलब्धता, पहुंच, स्त्रोत, पारंपरिक भोजन, पारंपरिक स्त्रोतों की हानि एवं पुनरूद्धार, संबंधित विषय पर विस्तृत जानकारी, कार्यवाही हेतु बिन्दु, मॉड्युल अंतर्गत की जाने वाली गतिविधियां, स्वास्थ्य-व्यवहार, परंपरागत,चलन, सेवाओ तक पहुचं ,अभिसरण, शिशु के प्रथम 1000 दिवस, ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस, पेयजल, स्वच्छता, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, टी.एच.आर. तक पहुंच, टीकाकरण एवं द्वितीय दिवस में हकदारी एवं आजीविका पर समूह का प्रस्तुतीकरण, आजीविका अंतर्गत प्रतिभागियो के व्यक्तिगत विचार एवं अनुभव साझा, एस.एम.आई.बी. एवं कम्युनिटी ऑपेरशन मैन्युल इत्यादि पर सभी प्रतिभागियों से चर्चा किया गया।

उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला कार्यालय से डीएमएम दुर्गाशंकर सोनी, डीपीएम गेब्रियल जॉन वाईक्लिफ एसएमआईबी, डीपीएम पतंजलि मिश्र, यंग प्रोफेशनल ओमप्रकाश एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।