भारत और बांग्लादेश लगभग 55 वर्ष बाद चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल लाइन फिर शुरू करेंगे

नई दिल्ली :- भारत और बांग्लादेश के बीच लगभग 55 वर्ष बाद अब चिलाहाटी-हल्दीबाड़ी रेल संपर्क खोल दिया जाएगा। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान यह रेलमार्ग बंद कर दिया गया था। इस रेल संपर्क का उद्घाटन आज भारत और बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में किया जाएगा। दोनों देशों के बीच परिवहन और संपर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दोनों पक्षों का नेतृत्व उन छह रेलमार्गों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो 1965 से पहले चालू थे।

हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल संपर्क कोलकाता से सिलीगुड़ी के मुख्य मार्ग पर बड़ी लाइन का हिस्सा था। हालांकि 1965 के युद्ध में दोनों देशों के बीच रेल संपर्क टूट गया। अब दोनों देशों के बीच आवागमन को आसान बनाने, आपसी संपर्क और लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए इन रेल संपर्कों को फिर से चालू किया जा रहा है।

हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी रेल संपर्क के चालू होने के साथ ही पहले से बंद पड़े छह में से पांच रेलमार्गों पर आवाजाही शुरू हो जाएगी। भारत-बांग्लादेश के बीच चालू होने वाले अन्य चार रेल संपर्कों में पेत्रापोल-बिनापोल, गेडे-दरशाना, सिंघाबाद-रोहनपुर और राधिकापुर-बिरोल लाइनें शामिल हैं।

हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी मार्ग के चालू होने से असम तथा पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश के संपर्क को बढ़ावा मिलेगा। इससे रेलवे का नेटवर्क बढ़ेगा तथा द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक विकास को मजबूती मिलेगी। फिलहाल इस रेल संपर्क के चालू होने से माल ढुलाई में सुविधा होगी। जल्द ही बुनियादी ढांचे की व्यवस्था के बाद दोनों तरफ से यात्रियों की आवाजाही भी होने लगेगी।

भारत और बांग्लादेश ने कोविड-19 महामारी के असर से निपटने के लिए भी रेलवे के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाया है। कम लागत और पर्यावरण के अनुकूल साधन होने के कारण रेलवे सीमा के दोनों तरफ जरूरी वस्तुओं की ढुलाई में मददगार है।