जिला बाल संरक्षण समिति एवं टास्क फोर्स समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित

गरियाबंद 24 नवम्बर 2020/ कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर की अध्यक्षता में आज दोपहर कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला इकाई बाल संरक्षण समिति एवं टास्क फोर्स समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गई।
बैठक में बिन्दुवार एजेण्डों पर चर्चा करते हुए कलेक्टर क्षीरसागर ने कहा कि किसी कारण से मुख्यमार्ग से भटके हुए बच्चों को मानवीय आधार पर मुख्य समाज से जोड़ने के लिए समिति एवं अन्य विभाग भी समन्वय से कार्य करें। यह एक सामाजिक कुरिति है, जिसे हम सब को मिलकर मिटाना होगा।

कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान कहा कि किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में सुनिश्चित किया जाये। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग अधिकारी जगरानी एक्का एवं संबंधित जिला अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में बताया गया कि किशोर न्याय बोर्ड में वर्तमान में 19 प्रकरण लंबित है। इसी तरह बाल कल्याण समिति में भी 52 प्रकरण लंबित है। कलेक्टर ने समय-सीमा में इन प्रकरणो का निराकरण करने के निर्देश दिये है। संकटग्रस्त बच्चो की जानकारी सर्वेक्षण के माध्यम से जुटाई गई है। जिले में 6 हजार 882 बच्चों का सर्वेक्षण किया गया है।
बालश्रम में लिप्त पाये गए बच्चों के कौशल विकास के लिए कार्ययोजना बनाई जाये ताकि उनके कौशल के मुताबिक उन्हें प्रशिक्षण मिल सके। बैठक में निर्देशित किया गया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में बालकों का अवैध प्रवास के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर समिति बनाकर जानकारी ली जाये। दत्तक ग्रहण से संबंधित कानून के प्रचार-प्रसार व्यापक रूप से किया जाये ताकि कानूनी रूप से ही बच्चों का स्वीकार किया जाये।

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि चाईल्ड हेल्प लाईन टोल फ्री न. 1098 का प्रत्येक स्कूलों, छात्रावास, चैक-चैराहों एवं स्कूल एवं यात्री बसों में प्रचार-प्रसार भी किया जाये। बैठक में जानकारी दी गई कि इस सत्र में बाल विवाह रूकवाने अभियान चलाया गया है। बालगृह निर्माण के लिए प्रस्ताव पुनःप्रेषित करने भी कहा गया है।
कलेक्टर इस संबंध में भी प्रत्येक माह जानकारी एकत्रकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है।
कलेक्टर द्वारा किसी जांच या न्यायिक प्रक्रिया के बारे में मीडिया या संचार के किसी भी माध्यम में ऐसे नाम, पते या किसी अन्य विशिष्ठ पहचान को प्रकट करने, जिससे उसकी पहचान हो सकती है, उसे प्रकाशित नहीं करने के निर्देश दिये गये है।
इस सबंध में किशोर न्याय अधिनियम के धारा 74 के तहत कार्यवाही की जायेगी।
समीक्षा के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एकीकृत बाल संरक्षण योजना के तहत जिले के स्कूलों के बच्चों को बाल श्रम निषेध, चाईल्ड हेल्पलाईन 1098 तथा बच्चों के अधिकार एवं संरक्षण से संबंधित जानकारी दी गई।
यह भी बताया गया कि एकीकृत बाल संरक्षण योजना के तहत पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति को पुर्नगठित किया गया है। पिछली बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार किये गये कार्यो की समीक्षा भी की गई।
बैठक में महिला एवं बाल विकास अधिकारी, स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम, आदिवासी विकास विभाग, पुलिस विभाग, बाल कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत स्वैच्छिक संगठन एवं समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।
