HomeNATIONALCHHATTISGARHपंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर का 26वाँ दीक्षांत समारोह संपन्न

पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर का 26वाँ दीक्षांत समारोह संपन्न

दीनदयाल उपाध्याय सभागार में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर का २६वा दीक्षांत समारोह पूर्ण गरिमामई वातावरण में संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत शोभा यात्रा से हुई जिसमे कुलसचिव की अगुआई में विश्वविद्यालय के विद्या परिषद, कार्यपरिषद, अधिष्ठाता गण, मुख्य वक्ता, प्रदेश के मुख्य मंत्री, राज्यपाल एवं कुलाधिपति तथा कुलपति शामिल रहें।
राष्ट्र गान, राज्य गीत तथा विश्वविद्यालय कुलगीत के साथ समारोह प्रारंभ हुआ।
मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के के बाद माननीय कुलपति प्रो सच्चिदानंद शुक्ला जी द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया गया जिसमे उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास यात्रा पर प्रकाश डाला।

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल एवं कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचंदन ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय के छात्र -छात्राओं को आजादी के अमृतकाल में जिन महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से हमें स्वतंत्रता मिली है उनके योगदान और बलिदान को जानने और देश के लिए समर्पित भाव से सेवा करने पर बल दिया अपने उद्बोधन में उन्होने हिमालय से लेकर कन्या कुमारी तक चलाये गये भारत छोड़ो आन्दोलन की चर्चा करते हुए महात्मा जी के सत्य अहिंसा सत्याग्रह के प्रयोग की चर्चा की। साथ ही सुभाषचंद्र बोस के भारतीय स्वाधीनता में योगदान से युवा पीढ़ी को अवगत होने का आह्वान किया। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा शोध के प्रयत्नों की भी प्रशंसा की।

माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोल्ड मेंडल तथा पी-एच.डी. उपाधि लेने वालों में 66% महिलाओ के होने की प्रासंगिकता बताते हुए कहा कि नारी अब अबला नहीं सबला हैं। इस अवसर पर किए जा रहे प्रयत्नों के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी साथ ही तीन वर्षों के पश्चात हो रहे दीक्षांत समारोह के लिए विशेष शुभकामनाएँ दीं।

Chief Speaker Honble Padma shri Prof. Y.S. Rajan मानद विशिष्ट प्रोफेसर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने उद्बोधन में कहा – पूरी दुनिया में तेजी से हो रहे तकनीकी बदलाव पर चर्चा किया ।

प्रो० रंजन ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और अमेरीका के अंतरिक्ष कार्यक्रम की चर्चा करते हुए बतलाया कि 1975 के दशक से 1990 के दशक तक गिनती के उपग्रह छोड़े जाते लेकिन 21 वीं सदी में उनकी संख्या सैकड़ों व हजारों में हो चुकी है।

इसी प्रकार उन्होंने विश्वविद्यालय के शोध वैज्ञानिकों को आहवान किया कि किसी भी विषय में हल्का-फुल्का सतही कार्य करने के बजाए एक ही क्षेत्र में ग्रास रूट तक जाकर कार्य करें। उन्होने देश की युवा जनसंख्या को डेवीडेन्ट मानने वालों को कहा कि जब तक युवा पीढ़ी skilled नहीं होगी तब तक यह हमारे लिए Devidient नहीं है।

उन्होने पीढ़ी को निराशा, अवसाद से बाहर निकलकर अपने दिल दिमाग को स्वस्थ रखने पर बल दिया । उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मे हो रहे विकास का जिक्र करते हुए चैट जी पी टी का उल्लेख किया और आगाह किया कि युवाओं को प्रतिदिन हो रहे विकास पर पैनी नजर रखनी चाहिए।
अतिथियों को शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट पश्चात कुलचीव डॉ शैलेंद्र पटेल द्वारा स्वर्ण पदक से अलंकृत छात्र छात्राओं को प्रस्तुत किया। १३६ स्वर्ण पदक विजेता अतिथियों के हाथों से पदक प्राप्त किए। इस अवसर पर उनका उत्साह और उमंग देखते बनता था।
तत्पश्चात विभिन्न संकायों के अधिष्ठताओं द्वारा शोध उपाधि प्राप्त छात्र छात्राओं को प्रस्तुत किया गया जिन्होंने कुलपति जी शोध उपाधि प्रदान किया गया। कुल ३०६ छात्र छात्राओं को शोध उपाधि प्रदान किया गया।
समारोह के अंत में कुलसचिव डॉ शैलेंद्र पटेल द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। राष्ट्र गान के साथ समारोह संपन्न हुआ। सभास्थल से शोभा यात्रा के प्रस्थान के साथ ही समारोह विधिवत संपन्न हुआ।

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