पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 18वीं किस्त: किसानों के खातों में 20,000 करोड़ रुपये का ट्रांसफर, खुशियों की लहर!

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) ने देशभर के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होते हुए, हाल ही में अपनी 18वीं किस्त का वितरण किया है। इस कार्यक्रम का आयोजन महाराष्ट्र के वाशिम जिले में किया गया, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना के अंतर्गत 9.4 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में 20,000 करोड़ रुपये की धनराशि का सीधे लाभान्वित किया। यह अवसर न केवल किसानों के लिए आर्थिक सहायता का स्रोत बना, बल्कि कृषि क्षेत्र के विकास को भी गति देने का कार्य किया है।

इस कार्यक्रम में लगभग 2.5 करोड़ किसानों ने वेबकास्ट के माध्यम से भाग लिया, जो दर्शाता है कि कैसे डिजिटल माध्यम ने किसानों को इस महत्वपूर्ण योजना से जोड़ने में सहायता की है। लंबे समय से इस किस्त की प्रतीक्षा कर रहे किसानों के चेहरों पर खुशी की लहर देखने को मिली, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह योजना उनके जीवन में कितना महत्व रखती है।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों की आय में वृद्धि करना था। इस योजना के तहत, जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर या उससे कम कृषि योग्य भूमि है, उन्हें सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि हर साल तीन किस्तों में दी जाती है, जिसमें प्रत्येक किस्त में 2,000 रुपये की राशि शामिल होती है। ये किस्तें किसानों के खातों में चार महीनों के अंतराल पर ट्रांसफर की जाती हैं।

हालांकि, कुछ किसान इस 18वीं किस्त का लाभ नहीं उठा पाए हैं। जिन किसानों ने ई-केवाईसी और भूलेखों का सत्यापन नहीं कराया है, उनके खातों में यह राशि नहीं आई है। इसके अतिरिक्त, उन किसानों को भी यह लाभ नहीं मिला है, जिन्होंने आवेदन करते समय गलत जानकारी दर्ज की थी। किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या या शिकायत के समाधान के लिए pmkisan-ict@gov.in पर संपर्क करने की सलाह दी गई है।

इस योजना के माध्यम से सरकार ने किसानों के आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उनके जीवन स्तर में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह पहल न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रही है, बल्कि देश के कृषि क्षेत्र को भी प्रगतिशील बनाने में मदद कर रही है।