वैभव चौधरी धमतरी। छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के तत्वाधान में जिला धमतरी अंतर्गत 450 अधिकारी /कर्मचारी 4 अप्रैल 2022 से अनिश्चित कालीन हड़ताल में डटे हुए हैं ,जिसमें संघ की 2 सूत्रीय मांग है जिसमे समस्त मनरेगा अधिकारी /कर्मचारियों का कांग्रेस के घोषणा पत्र को आत्मसात करते हुए नियमितीकरण किया जाए और रोजगार सहायकों का वेतन मान निर्धारित करते हुए समस्त मनरेगा अधिकारी /कर्मचारी पर 1966 पंचायत कर्मी नियम वाली लागू किया जाए। लगातार 60 दिनों से हड़ताल जारी है, किंतु सरकार द्वारा केवल मांग के संबंध में कमेटी गठन कर खानापूर्ति किया गया है ,जिससे समस्त मनरेगा /अधिकारी कर्मचारी आक्रोशित है एवं सरकार से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जिला धमतरी कर्मचारी मनरेगा महासंघ के 450 अधिकारी /कर्मचारी सामूहिक इस्तीफा तैयार कर लिया गया है।मनरेगा ग्रामीण स्तर पर रोजगार प्रदाय करने में सबसे महत्वपूर्ण योजना है, जिसका जिला धमतरी पर लगभग रु.200 करोड़ वित्तीय वर्ष 2021 -22 तक ग्रामीण ब्लॉक स्तर पर लाभ पहुंचाया गया है लेकिन वहीं दूसरी तरफ रोजगार प्रदाय में अहम भूमिका अदा करने वाले अधिकारी /कर्मचारी का स्थिति दयनीय बना हुआ है और उनके रोजगार की कोई गारंटी नहीं है और ना ही सम्मानजनक वेतनमान निर्धारित किया गया ,कोरोना की विपरीत परिस्थिति में समस्त मनरेगा अधिकारी/ कर्मचारी द्वारा अपनी जान जोखिम में डालकर शासन की गाइडलाइन का पालन करते हुए पलायन रोककर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया है ,विदित हो कि जनपद पंचायत मगरलोड में कार्यरत भृत्य चंद्र प्रकाश भारती और जनपद पंचायत धमतरी के सोरम ग्राम पंचायत के रोजगार सहायक केशव निषाद का निधन कोरोना काल में हो गया किंतु शासन द्वारा मात्र ₹1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि प्रदान किया गया आज की स्थिति में उनके परिवार का सहारा और आर्थिक स्थिति के बारे में शासन के पास कोई सकारात्मक सोच नहीं हम समस्त मनरेगा अधिकारी/ कर्मचारी जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती हड़ताल में डटे रहेंगे संवेदनशील शासन से आग्रह है हमारी जायज मांगों को शीघ्र पूर्ण करें।
15 हजार मनरेगा कर्मचारियों ने की सामूहिक इस्तीफे की पेशकश, कर्मचारियों ने 28 जिलों में किया आह्वान
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